||2|| - ॥२॥

ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम्‌ ।
जानकीलक्ष्मणॊपेतं जटामुकुटमण्डितम्‌ ॥२॥


Dhyatva neelotpala Shyamam Ramam raajiva lochanam |
Jaanaki Lakshmano pethaam jata mukuta manditham ||2||